न मैं गुम हूँ
न कहीं बाहर
न हूँ अंदर
न बीच मझधार
त्यागपत्र दे चुकी, पर -
शायद मंज़ूर नहीं हुआ है
आ रही हैं मेल, मैडम,
प्रैक्टिकल करवा लो!
धंधे में नहीं हूँ!
शिक्षा धवस्त है
शिक्षक कहाँ हैं?
मुँह पे पट्टी हैं!
शायद छुट्टी पे हूँ
कुछ महीने की
थोड़ी लिखा-पढ़ी में हूँ
थोड़े सोच-विचार में हुँ
पढ़े-लिखे गँवारों से थोड़ा दूर
पढ़े-लिखे भेड़ियों के सांग में,
उलझे हुए, नासमझ या अनपढ़
- आम आदमी से थोड़ा संवाद में हूँ!
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