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राजनीती के सर्कष में मैडिकल-इमरजेंसी!

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Sunday, January 30, 2022

कोठे वाले मालिकों का धन्धा!

 जो पढ़ेगा-लिखेगा वो आगे बढ़ेगा 

जो अनपढ़ रहेगा 

वो जाहिलों के बुने जाल में रहेगा 

पढ़ना-लिखना सिर्फ डिग्री होना नहीं है 

जाहिलों की दी हुयी कुर्शियों पे होना भी नहीं है 

अगर उनपे बैठके आपका दिमाग सिर्फ़ इतना चलता है 

की बस जाहिलों के इशारों तक काम करता है 

 

जो पढ़ेगा-लिखेगा, वो आगे बढ़ेगा 

जो अनपढ़ रहेगा 

वो जाहिलों के बुने दुष्चक्र में ताउम्र रहेगा 

टुच्चे-पुचे, तुच्छ-घटिया, बेहुदा नेताओं तक को सहेगा 

उनके बुने बूचड़खानों को अपना घर कहेगा 

ये ज़ाहिल, षड्यन्त्रकारी, नीच अब तुम्हें बताएँगे 

की इनके इज़ाद किये कौनसे नंबर के कोठे पे 

तुम अपना घर (!?) बसाओगे! 

नहीं तो!

इनके पोंते कालीखों के साथ, नौकरी ही नहीं 

बल्कि ज़िंदगी भी गवाँओगे!

(जैसे आपने कोई नौकरी ज्वाइन न करके, कोठे वाले मालिकों का धन्धा ज्वाइन किया हो!) 

जय हो IN-DIA!?

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