तार से जो भिड़े तार
तो चमकी बिजलीयाँ
दुनियाभर के अम्बर में
यूँ कड़की बिजलियाँ
जमीन के बादशाहों को
मात देने खड़ी हैं आसमानी बिजलियाँ!
क्या बोलेंगे वो अफसरान
जिनकी खुद की पगड़ियां
हवाओं में उछली पड़ी हैं
टिट-बिट-पिट
और न जाने कैसे-कैसे
सतरंगी रंगों से रंगी पड़ी हैं
जिनकी साँसे नंगी तारों पे
अटकी और भटकी पड़ी हैं!
हा!
आओ बच्चो खेलें खेल
रेलम-रेल! पेलम-पेल!
लड़की कमीनी निकली जी?
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