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राजनीती के सर्कष में मैडिकल-इमरजेंसी!

राजनीती के सर्कष में मैडिकल-इमरजेंसी!

Friday, February 11, 2022

छोटी सोच और तुच्छ लोग!

छोटी सोच और तुच्छ लोग 

खा जाते हैं 

आसपास की हर अच्छाई को 

जैसे दीमक खा जाते हैं 

मज़बूत से भी मज़बूत लकड़ी को 

लकड़ी निर्जीव है, नहीं मालूम ईलाज उसे 

न ही वो हिलडूल सकती इधर या उधर 

मगर इंसान न ही निर्जीव है और न ही जड़!