कहीं प्रसाद है कहीं हैं दुआएँ बटोर लो कहीं से भी आएँ!
कहीं हनु डार्लिंग हैं
कहीं हैं भोलेनाथ
कहीं गोविंद सिंह
कहीं कृष पे मशीह कहीं बजरंग दल सेना हैं
कहीं शिव सेना हैं
कहीं हिंदी सेना हैं
कहीं अंग्रेजी सेना हैं
कहीं राम सेना हैं
कहीं रहीम सेना हैं
कहीं रावण सेना हैं
कहीं कृष्ण सेना हैं
कहीं हरियानवी सेना हैं
कहीं पंजाबी सेना हैं
कहीं तमिल सेना हैं
कहीं बंगाली सेना हैं
कहीं मुस्लिम सेना हैं
कहीं हिन्दू सेना हैं
कहीं कांग्रेस सेना हैं
कहीं बीजेपी सेना हैं
कहीं आरएसएस सेना हैं
कहीं आप सेना हैं
क्या करती हैं
ये सब सेनाएं?
क्या काम हैं इनके?
बस नाम अलग हैं
नहीं तो शायद
यही सब करती हैं ये --
ये रौंदती हैं
ये कौंधती हैं
बिजली-सी टूटती है
दंगाई-सी लूटती है
मचाती हैं तोड़-फोड़
हिंसा का अवतार
खूंखार जानवर-सी मार
मानवता के नाम पे
एक धब्बा हैं!
एक कलंक हैं!
ये कैसी सेना हैं?
ना पाक हैं और
इंसानियत पर घात हैं!