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राजनीती के सर्कष में मैडिकल-इमरजेंसी!

राजनीती के सर्कष में मैडिकल-इमरजेंसी!

Wednesday, January 1, 2014

कुछ इरादे हैं बुलंद से

कुछ वादे हैं खुद से

कुछ इरादे हैं बुलंद से
कुछ हौसला है अडिग सा
कुछ आत्मविस्वास सा है
कुछ पर्दे हैं उठने
कुछ myths हैं गिराने!

साल ये फिर से
कुछ नया-सा जरूर है
मगर चल रहा है साथ फिर भी
कुछ पुराना, उलूल-जुलूल सा है
कुछ प्रश्न हैं वही पुराने
कुछ नयो का भी इंतज़ार-सा है!

कुछ दूरियां नापी हैं इधर उधर की
और तैयारियां हैं कुछ और भी नापने की
इस भेजे को आराम, ना कल था
ना आज है और ना कल ही होगा, क्योंकि
इसका तो काम है वक़्त सा चलते जाने
चलना इसका ही तो जीवन है, सो चलते है जाना!